//BREAKING//
Loading...

जाने बादशा खान की गठरी के बारे में (The Fakharpur City)

खान अब्दुल गफ्फार खान हमेशा अपने साथ एक कपड़े की गठरी (थैला) रखते थे जिसे वह किसी को नही सौपते थे गांधी जी अक्सर उनसे मज़ाक किया करते थे की बादशाह थैले मे ऐसा क्या है जो किसी को हाथ भी नही लगाने देता

एक बार कस्तूर बा ने कह दिया आप बादशाह को थेले के बारे में मज़ाक न किया करे उनके थेले में एक पठानी सूट व जरूरत के कुछ सामान के अलावा कुछ भी नहीं है ॰ तो बापू हंसकर बोले मुझे क्या पता नहीं है की उस के पास पहनने को दो ही कपड़े है तभी तो मैं थेला देखने की बात करता हूं ऐसा हंसी मजाक मैं सिर्फ बादशाह के साथ ही कर सकता हूं और किसी के साथ करते मुझे किसी ने देखा है क्या ??? क्यों की बादशाह को मैं बिलकुल अपने जैसा पाता हूँ


जब 1969 मे गांधी जन्म शताब्दी पर इंदिरा जी के विशेष आग्रह पर ईलाज के लिए भारत आये तो हवाई अड्डे पर उन्हें लेने इंदिरा जी और जे॰पी॰ नारायण जी खुद आए । बादशाह खान जब हवाई जहाज से बाहर आये तो उनके हाथ में वही पोटली थी जिसके बारे मे गांधी जी मजाक करते थे । मिलते ही श्रीमती गांधी ने पोटली की तरफ हाथ बढ़ाया - इसे हमे दीजिये ,हम ले चलते हैं, बादशाह खान ठहरे, बड़े ठंढे मन से बोले - यही तो बचा है ,इसे भी ले लोगी ?

फेसबुक का डेटा कैसे लोड करें 👇

बटवारे का पूरा दर्द खान साब की इस बात से बाहर आ गया । जे॰पी॰ नारायण और इंदिरा जी दोनों ने सिर झुका लिया । जे॰पी अपने आप को संभाल न पाये ,उनकी आँख से आंसू गिर रहे थे

1985 मे कांग्रेस स्थापना शताब्दी के अवसर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हे विशेष अतिथि के रूप मे पुनः आमंत्रित किया और इसके लिए तत्कालीन पाकिस्तान के तानाशाह प्रधानमंत्री जिया उल हक़ को उन्हे भारत आने की इजाजत देने के लिए कहा 

नफरतों का सिलसिला देखो कहाँ तक पहुँचा है गाजर हिन्दू और मूली मुसलमान हो गई



जब बादशाह खान भारत आए तब भी उनके हाथो मे वही पोटली थी जो पिछली बार 1969 मे इंदिरा गांधी के आमंत्रण पर वो साथ लाये थे राजीव गांधी इस पोटली के बारे जानते थे उन्होने बादशाह खान से कहा आपने कभी महात्मा गांधी और इंदिरा जी को ये पोटली को हाथ भी नही लगाने दिया

लेकिन अगर आप चाहे तो क्या मै इस पोटली को खोल कर देख सकता हूँ  बादशाह खान ने हँस कर अपने पठानी अंदाज़ मे कहा  तु तो हमारा बच्चा है देख ले नही तो सभी सोचते होंगे पता नही बादशाह इस पोटली मे क्या छुपाए फिरता है जब राजीव गांधी ने पोटली खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ दो जोड़ी लाल कुर्ता-पाजामा थे और 1987 मे प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार द्वारा उन्हे भारत रत्न से नवाजा गया

महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा के सिद्धांतो का एक ऐसा पुजारी जिसका नाम तो बादशाह खान लेकिन फकीरो की तरह तमाम उम्र सिर्फ दो जोड़ी कुर्ता पाजामा के साथ जिंदगी व्यतित की जब की वह अलीगढ़ विश्वविद्यालय से पढ़ा लिखा, पख्तून के एक जमीदार का बेटा था और जिसका भाई लंदन से डाक्टर बन कर आया था और पख्तून का मुख्यमंत्री था

खुवाज़ा गरीब नवाज र० की दरगह पहुँचे अमिताभ बच्चन

हमें आप ट्विटर और इम्स्टग्राम फेसबुक भी फॉलो
कर सकते हो

अगर आप को ये लेख पसंद आया हो तो आप हमें डोनेट करें सपोर्ट के लिए Cilck Here

Post a Comment

और नया पुराने

Furkan S Khan

Hi! If you need new design blogger template in low cost then contact us via whatsapp by clicking on the below button.

Chat Now