जाने कहाँ गए वो दिन
जरा सोचिए - विज्ञान हमे कहाँ ले आया
पहले वो कुँए का मैला कुचला पानी पीकर भी 100 वर्ष जी लेते थे अब RO का शुद्ध पानी पीकर 40 वर्ष में बुढे हो रहे है
Follow us on Facebook
पहले वो डले वाला नमक खाके बीमार ना पड़ते थे।
अब हम आयोडीन युक्त खाके हाई-लो बीपी लिये पड़े है
पहले वो नीम-बबूल कोयला नमक से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष तक भी चब्बा-चब्बा कर खाते थे
अब कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है
पहले वो 7-8 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भी खेत का काम करती थी अब पहले महीने से डॉक्टर की देख-रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है
Follow us on Twitter
पहले काले गुड़ की मिठाइयां ठोक ठोक के खा जाते थे
पहले बुजर्गो के भी घुटने नहीं दुखते थे
अब जवान भी घुटनो और कन्धों के दर्द से कहराता है
Follow us on Instagram
समझ नहीं आता ये विज्ञान का युग है या अज्ञान का (सोशल मीडिया)
जरा सोचिए - विज्ञान हमे कहाँ ले आया
पहले वो कुँए का मैला कुचला पानी पीकर भी 100 वर्ष जी लेते थे अब RO का शुद्ध पानी पीकर 40 वर्ष में बुढे हो रहे है
- पहले वो घाणी का मैला सा तैल खाके बुढ़ापे में भी मेहनत कर लेते थे अब हम डबल-ट्रिपल फ़िल्टर तैल खा कर जवानी में भी हाँफ जाते है
Follow us on Facebook
पहले वो डले वाला नमक खाके बीमार ना पड़ते थे।
अब हम आयोडीन युक्त खाके हाई-लो बीपी लिये पड़े है
पहले वो नीम-बबूल कोयला नमक से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष तक भी चब्बा-चब्बा कर खाते थे
अब कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है
पहले वो नाड़ी पकड़ कर रोग बता देते थे अब आज जाँचे कराने पर भी रोग नहीं जान पाते है
पहले वो 7-8 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भी खेत का काम करती थी अब पहले महीने से डॉक्टर की देख-रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है
Follow us on Twitter
पहले काले गुड़ की मिठाइयां ठोक ठोक के खा जाते थे
अब खाने से पहले ही सुगर की बीमारी हो जाती है
पहले बुजर्गो के भी घुटने नहीं दुखते थे
अब जवान भी घुटनो और कन्धों के दर्द से कहराता है
Follow us on Instagram
समझ नहीं आता ये विज्ञान का युग है या अज्ञान का (सोशल मीडिया)