पुलिस पर पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न का आरोप
लखनऊ 26 दिसंबर 2018। रिहाई मंच ने मुजफ्फरनगर के खतौली में फाइनेंसर नीरज की हत्या मामले में पुलिस पर बेगुनाहों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मंच ने कहा कि कानून व्यवस्था का यह हाल है कि पिछले एक महीने में सिर्फ खतौली कस्बे में 5 हत्याएं हो चुकी हैं।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि 9 दिसंबर 2018 को खतौली में फाइनेंसर नीरज की हत्या के बाद पुलिस लगातार उनसे लेनदेन करने वालों से पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न कर रही है। लेनदेन की बात मीडिया तक में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की सच्चाई के लिए पूछताछ जरुरी है पर पुलिस द्वारा यह पूछताछ हत्यारों तक पहुंचने के लिए न होकर उत्पीड़न का जरिया बन गई है। अधिवक्ता मुहम्मद शुऐब ने कहा कि उनको अब तक जो सूचना मिली है उसके मुताबिक पूछताछ के नाम पर उठाकर तीन से चार दिन रखने के बाद छोड़ दिया जाता है। पुलिस को सच्चाई जानने के लिए पूछताछ करनी होती है तो वह नोटिस देती पर ऐसा न करके वह गैरकानूनी तरीके का इस्तेमाल कर रही है। वहीं इस मामले में फाइनेंसर नीरज के बेटे नित्यांत का भी कहना है कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
जीव यादव
तस्वीर रिहाई मंच लखनऊ फ़ाइल फ़ोटो |
लखनऊ 26 दिसंबर 2018। रिहाई मंच ने मुजफ्फरनगर के खतौली में फाइनेंसर नीरज की हत्या मामले में पुलिस पर बेगुनाहों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मंच ने कहा कि कानून व्यवस्था का यह हाल है कि पिछले एक महीने में सिर्फ खतौली कस्बे में 5 हत्याएं हो चुकी हैं।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि 9 दिसंबर 2018 को खतौली में फाइनेंसर नीरज की हत्या के बाद पुलिस लगातार उनसे लेनदेन करने वालों से पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न कर रही है। लेनदेन की बात मीडिया तक में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की सच्चाई के लिए पूछताछ जरुरी है पर पुलिस द्वारा यह पूछताछ हत्यारों तक पहुंचने के लिए न होकर उत्पीड़न का जरिया बन गई है। अधिवक्ता मुहम्मद शुऐब ने कहा कि उनको अब तक जो सूचना मिली है उसके मुताबिक पूछताछ के नाम पर उठाकर तीन से चार दिन रखने के बाद छोड़ दिया जाता है। पुलिस को सच्चाई जानने के लिए पूछताछ करनी होती है तो वह नोटिस देती पर ऐसा न करके वह गैरकानूनी तरीके का इस्तेमाल कर रही है। वहीं इस मामले में फाइनेंसर नीरज के बेटे नित्यांत का भी कहना है कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
जीव यादव