//BREAKING//
Loading...

सकूत बगदाद की खबर जहां दुनिया ए इस्लाम पर बिजली बनकर गिरी थी ~ Fakharpur News

अब्बासी ख़लीफ़ा मुअतसिम बिल्लाह का खून अभी बगदाद की रेत ने जज़्ब भी नही किया था कि वहशी मंगोल कत्ल व गारत गरी का बाजार गर्म करते हुए दमिश्क तक जा पहुंचा आखिरी  अयूबी सुल्तान अल नासिर पस्पा होकर मिस्र की तरफ भागा, यह वह दौर था जब इस्लामी दुनिया रोबे इंतसार थी।

सकूत बगदाद की खबर जहां दुनिया ए इस्लाम पर बिजली बनकर गिरी थी।



वहीं यूरोप में खुशी की लहर दौड़ गई पापा ए रोम एलेग्जेंडर 4th ने मंगोल सरदार हलाकू खान को उस कामयाबी पर मुबारकबाद दी यहां इस बात की वजाहत जरूरी है कि यह कसीर सलीबी मुत्ताहिदा फौज भी मंगोलों के हमराह थी जिनमें फ्रांस जॉर्जिया आर्मीनिया और अनताकिया की फौज शामिल थी।

ऐसे में जबकि इस्लामी दुनिया की मरकजी खिलाफत अब्बासी या खत्म हो चुकी थी  यह साफ नजर आ रहा था कि मंगोल अनकरीब घटाओं की तरह दुनिया-ए- इस्लाम पर छा जायेंगे ,


 मिस्र "सैफुद्दीन कतज़" उठता जी हां !! यह 1260 ई है मंगोल सिपाह तबाही  मचाते हुए मिस्र की तरफ ग़ामज़न थी सैफुद्दीन ने कमजोर ममलूक  सुल्तान नूरुद्दीन को बरतर्फ करके होकूमत को संम्भाला और मंगोलों के खिलाफ सफ़ बंदी शुरू कर दी।


हलाकू खान का अगला निशाना अब मिस्र ही था जहां इस्लाम की बची-खुची ताकत जमा थी।


तसख़ीर मिस्र के साथ पूरी इस्लामी दुनिया पके हुए फल की तरह मंगोलों की झोली में जा गिरती  चुनांचे हलाकू खान ने अपने कासिदों के जरिया "कतज़" को खबरदार किया कि हथियार डाल दो वरना मंगोल किसी पर रहम नहीं करते ,


कतज़ ने जवाब में मंगोल कासिदों के सर काटकर चौराहों पर लटका दिया और "सुल्तान रूकनूद्दीन बिबर्स "की कयादत में हर अव्वल दस्ता को फ़लस्तीन रवाना किया पर लगातार जीत के नशे में चूर मंगोल दरिया ए उर्दन के उस पार पहुंचे तो रूकनूद्दीन रास्ता रोके खड़ा था उसने बिल्कुल सलाहुद्दीन अयूबी के अंदाज में छापामार जंग शुरु कर दी अब तक सुल्तान सैफुद्दीन भी अक्का की तरफ़ से फौज लिए पहुंच गया।

झड़पें शुरू हुई तो कतज़  तातारियों  मंगोलों को ऐन जालूत के मैदान में घसीट लाया लाने में कामयाब हुआ और फिर यहां तारीख की एक खौफनाक जंग का आगाज हुआ हतीन के बाद अगर कोई खून रेज तरीन जंग बरपा हुई तो यह ऐन जालूत की जंग थी, लड़ाई शुरु होने से पहले कतज़ खुदा की बारगाह में गिड़गिड़ाकर दुआ की  और फिर मंगोलों पर टूट पड़ा इबतेदा  में लश्कर इस्लाम के एक हिस्से पर मंगोल भारी पड़ने लगे कतज़ एक चट्टान पर खड़ा फौज को कंट्रोल कर रहा था उसने जब यह मंजर देखा तो अपनी खोद और जिरह उतार फेंकी और घोड़े को ऐड़ लगा दी फौज ने जब सुल्तान कतज़ को मंगोल फौज के सफों में घुसते देखा तो वह वापस पलटे और मौत बनकर मंगोलों पर टूट पड़े जल्द ही मंगोल भाग उठे कतज़  ने उन्हें दरिया ए उर्दन के किनारे जा लिया  मंगोल टिड्डी दल अब गाजर मूली की तरह कट रहा था।


उनका सिपहसालार कतबगा मारा गया शाह आर्मेनिया  हातनन और सलीबी शहंशाह अंटाकिया फरार हो गये
कतज और रुकनुद्दीन बिबर्स ने शाम में उनका पीछा किया लेकिन अब फरार की राहें मसदूद हो चुकी थीं शामी मुसलमानों ने एक जुट होकर फरारी जत्थे पर  हमले शुरू कर दिये तो अकब से  मिसरी छापा मार  उन्हें खाक व खून में नहला रहे थे  तातारी और सलीबी छोटी छोटी टोलियों  में बिखरते चले गये  और बिल आख़िर शाम की रेत में ही फना होकर रह गये तातारी, सुल्तान  सैफ़ुद्दीन को उसी कहर की वजह से "कतज़" यानी काटने वाला कहते थे।

सुल्तान सैफुद्दीन कतज़ मिस्र वापसी  पर अल सलाहिया के मकाम पर चंद नामूल वजूहात के बिना पर फौत हो गये,

उसके बाद सुल्तान रुकनूद्दीन बिबर्स ने शाम वह मिस्र की हुकूमत संभाली और फलस्तीन लेबनान में पेशकदमी करते हुए साहिल पर मौजूद सलीबी रियासतों का सफाया करके सल्तनत अंताकिया तक जा पहुंचा और उसे हमेशा के लिए जड़ से उखाड़ फेंका।


बाद अजां सूडान जिसे सलाहुद्दीन अयूबी बावजूद शदीद ख्वाहिश के तस्ख़ीर ना कर सके सुल्तान बीबर ने उसे भी सल्तनत इस्लामिया में शामिल किया खिलाफत अब्बासिया को दोबारा बहाल किया अब्बासी खानदान के एक चश्मो चिराग अबुल कासिम अल मुस्तन्सर बिल्लाह सानी की बैयत करके उसे तख्क्त ख़िलाफ़त पर बिठा दिया और यूँ  इस्लामी दुनियां की मर्कजियत बगदाद से क़ाहिरा मुन्तक़िल हो गयी :

साभार नईम अख्तर...

Post a Comment

और नया पुराने

Furkan S Khan

Hi! If you need new design blogger template in low cost then contact us via whatsapp by clicking on the below button.

Chat Now