एक आदमी ने आलिमा औरत से शादी कर ली बाद में औरत नें कहा मैं आलिमा हूँ और शरीयत के मुताबिक़ ज़िंदगी बसर करेंगे
फ़ोटो साभार फेसबुक |
वो आदमी उस बात से बहुत ख़ुश हुआ कि अब बाक़ी ज़िंदगी बीवी के बरकत से शरीयत के मुताबिक़ गुज़रेगी
कुछ दिनों बाद बीवी ने कहा के
देखो हमने घर में शरीयत के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारने का अहद किया था और शरीयत में बीवी पर सास और ससुर की ख़िदमत वाजिब नहीं और शरीयत के मुताबिक़ खाविंद को अपनी बीवी के लिए अलाहिदा घर का इंतज़ाम करना होता है....लिहाज़ा मेरे लिए अलाहिदा घर ले लो
वो आदमी बड़ा परेशान हुआ अलाहिदा घर लेना कोई बड़ी बात नहीं पर मेरे बूढ़े वालिदैन का क्या बनेगा
उस परेशानी में वो मुफ्ती साहब के पास गया और अपना मसला उनसे पेश किया मुफ्ती साहब ने कहा भाई तुम्हारी बीवी बात तो ठीक करती है
वो आदमी मुफ्ती साहब से तंज लहजे में कहने लगा मैं आपके पास मसले का हल लेने आया हूँ नाकि फ़तवा लेने
मुफ्ती साहब ने मुस्कुराते हुए कहा एक तरीक़ा है अपनी बीवी से कहो शरीयत के मुताबिक़ मैं दुसरा निकाह कर रहा हूँ वो और वो मेरे वालिदैन के साथ रहेगी और उनकी ख़िदमत भी करेगी मैं तुम्हारे लिए अलाहिदा घर ले लेता हूँ आप वहाँ रहना
बीवी उसके जवाब से सटपटा गई और बोली दफ़ा करो दूसरी शादी को मैं इधर ही रहूँगी आपके वालिदैन मेरे भी वालिदैन हैं और उनकी ख़िदमत इकराम-ऐ-मुस्लिम भी है
सबक़:- कुछ वक्त़ निकाल कर मौलवी साहब के पास भी बैठा करें हर मसला गूगल के पास नहीं होता साभार अज्ञात
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